भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक - सामान्य ज्ञान महत्वपूर्ण तथ्य
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद का प्रावधान - अनुच्छेद 148 से 151 तक किया है ,
अनुच्छेद 148 -नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक पद
अनुच्छेद 149 -कार्य एवं शक्ति
वर्तमान में CAG [ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक] जीसी मुरमू हैं ,
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है!
केंद्र तथा राज्य स्तर पर लेखा परीक्षक का मुखिया CAG होता है!
भारत का नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक सार्वजनिक धन का संरक्षक होता है!
भीमराव अंबेडकर के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण पद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक है!
शपथ राष्ट्रपति द्वारा
त्यागपत्र राष्ट्रपति को
कार्यकाल 6 वर्ष का होगा
लेकिन 6 वर्ष पूर्ण होने के पहले ही अगर आयु 65 वर्ष हो गई हो तो उसे रिटायर्ड कर दिया जाएगा,
[CAG] नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक हटाने की प्रक्रिया-
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया के समान होती है!
दोनों सदनों के समावेदन पर ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को हटाया जाएगा!
कार्य-
संचित निधि (अनुच्छेद 266)आकस्मिक निधि (अनुच्छेद 267)धन व्यय के परीक्षण का कार्य CAG के द्वारा होता है!
केंद्र तथा राज्य का लेखा परीक्षण -नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा होता है!
अनुच्छेद 151 - केंद्रीय स्तर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक प्रतिवेदन को राष्ट्रपति को सोपता है तथा राष्ट्रपति संसद के पटल पर रखते हैं!
राज्य स्तर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक प्रतिवेदन को राज्यपाल को सोपता है तथा राज्यपाल विधानमंडल के पटल पर रखते हैं!
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