Mukhyamantri Yuva Udhami Yojana of M.P.govt.in hindi
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना*-आवेदन ,पात्रता ,सब्सिडी की पूरी जानकारी
यहां पर मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना जो कि मध्य प्रदेश शासन के द्वारा वर्ष 2014 से प्रारंभ की गई है, इस योजना की पूरी जानकारी एवं महत्वपूर्ण बातों को यहां पर स्पष्ट किया गया है।
इस लेख में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण बातें जिसे -
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना क्या है ?
इसमें आवेदन कैसे किया जाता है ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक पात्रता या आवश्यक दस्तावेज कौन-कौन से हैं ?
इस योजना में किन-किन कार्यों हेतु ऋण मिलता है ?
ऋण पर कितनी सब्सिडी मिलती है ?
कौन-कौन से उद्योग इस योजना के तहत स्थापित किए जा सकते हैं आदि जानकारी दी गई है।
सबसे पहले बात करते हैं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के उद्देश्य क्या है ?
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए स्वयं का उद्योग चाहे वह सेवा क्षेत्र का उद्योग हो या विनिर्माण क्षेत्र का उद्योग ,इन उद्योगों की स्थापना हेतु बैंकों के माध्यम से आसान शर्तों पर आवश्यक ऋण उपलब्ध करवाना है, इस ऋण के लिए मार्जिन मनी के रूप में साथ ही साथ ब्याज पर अनुदान के रूप में और ऋण की गारंटी के रूप में मध्य प्रदेश सरकार युवा उद्यमियों की सहायता करती है।
इस योजना के तहत विभिन्न उद्योगों को स्थापित करने हेतु ना केवल वित्तीय सहायता ,अपितु उस उद्योग के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी शासन के द्वारा दिया जाता है।
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का क्रियान्वयन वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग के माध्यम से होता है, इस हेतु प्रत्येक जिले में उद्योग एवं व्यापार केंद्र स्थापित किए गए हैं तथा यहां पर महाप्रबंधक जिला उद्योग के कार्यालय में इस योजना हेतु आवेदन किया जाता है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की पात्रता या आवश्यक दस्तावेज क्या है ?
यह योजना केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासियों के लिए ही लागू की गई है ,
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्न शर्तें आवश्यक है-
आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है
आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है
आवेदक की आयु 18 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
इस योजना के तहत जो उद्योग स्थापित किए जाएंगे वह अनिवार्य रूप से मध्य प्रदेश राज्य की सीमा के अंदर ही स्थापित करना अनिवार्य होगा।
आवेदक किसी भी राष्ट्रीय बैंक का या किसी भी वित्तीय संस्था का लोन डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
अगर कोई व्यक्ति पहले से ही मध्यप्रदेश शासन की स्वरोजगार योजना या शासकीय उद्यमी योजना के अंतर्गत या ऐसी ही किसी अन्य योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहा है तो वह इस योजना के अंतर्गत आवेदन का पात्र नहीं माना जाएगा।
एक आवेदक केवल एक बार ही इस योजना के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र होगा।
विशेष --इस योजना के तहत केवल उद्योग एवं सेवा क्षेत्र स्थापित करने के लिए ही सहायता मिलती है ना कि बड़े व्यापारिक गतिविधियों को स्थापित करने के लिए।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के प्रमुख लाभ/फायदे या वित्तीय प्रावधान
इस योजना के अंतर्गत आवेदक को अपना उद्योग स्थापित करने हेतु न्यूनतम 1000000 रुपए से अधिकतम 10000000 रुपए तक की पूंजीगत आवश्यकता की पूर्ति की जाती है।
इस योजना के अंतर्गत बैंक से ऋण लेने हेतु आवश्यक मार्जिन मनी की सहायता सरकार के द्वारा की जाती है ,यह मार्जिन मनी 15% या अधिकतम ₹1200000 तक देय होती है।
इस योजना के अंतर्गत परियोजना पर जो भी पूंजीगत लागत होती है उस पर 5% की दर से अधिकतम 7 वर्ष तक ब्याज अनुदान अर्थात इंटरेस्ट सब्वेंशन प्राप्त होता है।
इस योजना के अंतर्गत ग्यारण्टी शुल्क जो भी उस समय प्रचलित हो अधिकतम 7 वर्ष तक देय होता है ।
मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में आवेदन की प्रक्रिया-
How to apply for Mukhyamantri Yuva Udhami Yojanain Hindi-
इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने की इच्छुक व्यक्तियों को जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र अथवा निकटतम सार्वजनिक क्षेत्र या सहकारी बैंक में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है।
आवेदन फार्म इन संस्थाओं पर निशुल्क उपलब्ध होता है।
इस योजना हेतु जितने भी व्यक्तियों ने आवेदन दिए हैं उन सब को पंजीकृत किया जाता है अगर आवेदन में कुछ त्रुटि होती है तो इसकी जांच भी संबंधित संस्थाओं के द्वारा करके आवेदक को सूचित किया जाएगा।
आवेदक को अपनी प्रस्तावित गतिविधि की पूरी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित )आवेदन के साथ संलग्न करनी होती है.
निर्धारित तिथि तक जितने भी आवेदन बैंक की शाखा या जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के पास जमा होते हैं ,उन सभी आवेदनों पर विचार करने हेतु एक जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया जाता है ,इस समिति के अध्यक्ष उस जिले के जिलाधीश अर्थात कलेक्टर होते हैं।
इन सभी प्रकरणों पर जिला टास्क फोर्स समिति की अनुशंसा के उपरांत प्रकरणों का निराकरण हेतु बैंकों के पास भेजा जाता है।
इस योजना में किसी भी प्रकार की कॉलेटरल सिक्योरिटी की मांग बैंक के द्वारा आवेदक से नहीं की जावेगी।
बैंकों को निराकरण हेतु प्राप्त आवेदन को 30 दिवस के भीतर निराकृत करना होता है तथा उसके पश्चात 15 दिवस के अंदर बैंक के द्वारा ऋण वितरण यानी कि लोन डिसबर्समेंट प्रारंभ कर दिया जाता है।।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण की प्रक्रिया
इस योजना में जिन आवेदकों के ऋण स्वीकृत हो जाते हैं ,उन्हें प्रशिक्षण की व्यवस्था भी शासन के द्वारा की जाती है ,यह प्रशिक्षण वैकल्पिक रहता है तथा इस प्रशिक्षण के संबंध में आवेदक को प्रथक से दिशा निर्देशित किया जाता है।
साथ ही साथ अगर आवेदक को किसी विशेष प्रशिक्षण की जो कि उसके उद्योग से संबंधित हो आवश्यकता महसूस होती है तो वहां भी इस हेतु आवेदन कर सकता है।
इस योजना के अंतर्गत मार्जिन मनी की सहायता अधिकतम रुपए 1200000 तक ही मिलती है ,इससे ज्यादा मार्जिन मनी की आवश्यकता होने पर हितग्राही को स्वयं यह राशि जमा करना होती है।
इस योजना के अंतर्गत मासिक किस्तों अर्थात ईएमआई पर मोरटोरियम की अधिकतम अवधि 6 माह की होती है
इस योजना के तहत लिए गए ऋण को अधिकतम 7 वर्ष के भीतर अदा करना होता है।
सामान्यतः ऋण अदायगी की समय सीमा इस योजना हेतु 5 वर्ष से 7 वर्ष के बीच होती है।
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