किसान क्रेडिट कार्ड ,आवेदन, ब्याज दर, सब्सिडी एवं सेटेलमेंट की पूरी जानकारी।
Kisan credit card [KCC]detail in Hindi-application process, interest rate ,and subsidy.
इस लेख में किसान क्रेडिट कार्ड [केसीसी] से संबंधित सभी महत्वपूर्ण तथ्यों जैसे -
किसान क्रेडिट कार्ड कैसे बनता है ?
किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर कितनी होती है ?
ब्याज पर कितनी सब्सिडी मिलती है ?
केसीसी KCC बनाने के लिए आवश्यक दस्तावेज?
कौन-कौन से बैंक किसान क्रेडिट कार्ड बनाते हैं ?
एवं NPA लोन का सेटेलमेंट कैसे होता है?
इस कार्ड के माध्यम से किसानों को अपनी खेती बाड़ी से संबंधित विभिन्न क्रियाकलापों जैसे उर्वरक खरीदने कृषि यंत्रों की मरम्मत करने सिंचाई उपकरण खरीदने आदि के लिए उनकी भूमि के अनुपात में ऋण दिया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में केसी गुप्ता समिति की सिफारिश पर की गई थी यह किसानों को उनकी खेती बाड़ी संबंधी क्रियाओं के लिए पूँजी उपलब्धता सुनिश्चित करता है,
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए कौन कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं,
इस कार्ड को बनवाने के लिए किसान को निम्नलिखित दस्तावेज की आवश्यकता होती है-
- खसरा
- खतौनी
- 5 पासपोर्ट साइज की फोटो
- बैंक की पासबुक की फोटो कॉपी
- आधार कार्ड की फोटो कॉपी
Note-इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी भूमि के दस्तावेजों को बैंक में प्रस्तुत कर केवल एक भूमि दस्तावेज पर एक ही किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं।
अगर किसान के भूमि दस्तावेजों पर किसी और बैंक का ऋण दर्ज हो तो उसे भी दाखिल खारिज करवाना अनिवार्य होता है।
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कौन-कौन से बैंक किसान क्रेडिट कार्ड बनाते हैं ?
किसान किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक ,सहकारी बैंक एवं निजी बैंकों के माध्यम से भी , क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं,
जिनमें से कुछ प्रमुख बैंकों के नाम नीचे दिए गए हैं-
पंजाब नेशनल बैंक
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
केनरा बैंक
आईसीआईसीआई बैंक
जिला सहकारी बैंक
नर्मदा सतपुड़ा ग्रामीण बैंक
एचडीएफसी बैंक
परंतु एक किसान का उसी भूमि के संदर्भ में एक से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनाया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर एवं ब्याज पर सब्सिडी
इस योजना के अंतर्गत ब्याज दर साधारण पर 7% वार्षिक रहती है।
उदाहरण के लिए कोई किसान ₹100000 का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाता है तो उसे ₹7000 ब्याज के रूप में चुकाने होते हैं।
इस योजना के अंतर्गत 3% ब्याज सब्सिडी भी दी जाती है परंतु यह सब्सिडी उन्हीं किसानों को मिलती है जिन्होंने अपने ऋण की राशि को 1 वर्ष के भीतर चुका दिया हो।
Note- किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर अलग-अलग बैंकों में अलग अलग भी हो सकती है ,यहां पर 7% एक सामान्य औसत के रूप में दिखाया गया है।
अर्थात इस योजना में आवेदन करते समय किसानों को बैंक अधिकारी से ब्याज दर के बारे में भी पूरी जानकारी ले लेना चाहिए।
किसान क्रेडिट कार्ड 5 वर्षों तक के लिए मान्य होता है तथा इसमें प्रतिवर्ष 10% राशि में वृद्धि होती है ।
उदाहरण के लिए किसी कृषक ने अपनी भूमि पर ₹100000 का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया है तो उसे
प्रथम वर्ष ₹100000
दूसरे साल ₹110000
तीसरे साल ₹121000
चौथे साल ₹133000
एवं अंतिम वर्ष ₹147000 मिलते हैं।
परंतु इसके लिए आवश्यक है कि किसान अपने ऋण एवं उस पर लगने वाले ब्याज को प्रतिवर्ष समय सीमा के भीतर बैंक में जमा करें।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के क्या प्रमुख फायदे हैं ?-
इस पर ब्याज दर काफी कम होता है ,लगभग 7% वार्षिक साथ ही साथ ब्याज पर 3% की छूट भी मिलती है जो कि बाजार के अन्य ऋणों से काफी सस्ता है।
किसान क्रेडिट कार्ड पर केवल उसी राशि पर ब्याज लगता है जितनी राशि KCC से निकाली गई हो ना की पूरी राशि पर।
इस कार्ड के माध्यम से किसान अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जब चाहे पैसे निकाल सकता है उसे किसी से महंगे ब्याज दर पर उधार लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
इस योजना के अंतर्गत जो भी किसान अपना कार्ड बनवाते हैं उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मैं पंजीयन करवाना अनिवार्य होता है, फसल बीमा पंजीयन होने से किसानों को विभिन्न प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों के नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा भी मिलता है।
KCC के NPA लोन के सेटेलमेंट की जानकारी
अगर कोई किसान किसी कारणवश किसान क्रेडिट कार्ड के लोन की राशि जमा नहीं कर पाता है तो ऐसी स्थिति में एक निश्चित समय सीमा के पश्चात वह खाता एनपीए हो जाता है ,ऐसी स्थिति में किसान को घबराना नहीं चाहिए उसे संबंधित बैंक शाखा में जाकर केसीसी लोन खाते को सेटलमेंट करने की प्रक्रिया पूछनी चाहिए।
सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा किसानों को न्यूनतम राशि में अपने खाते को सेटलमेंट करने की योजनाएं बनाई है,
कितनी राशि एवं कितने समय में केसीसी का एनपीए लोन सेटेलमेंट होगा इसके बारे में आपको पूरी जानकारी बैंक अधिकारी के द्वारा प्रदान की जाएगी
यहां पर इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि केसीसी लोन का सेटलमेंट केवल एनपीए होने की दशा में ही होगा स्टैंडर्ड खाते को सेटलमेंट के माध्यम से बंद नहीं किया जा सकता है।।
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