[imp fact]अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय mppsc mains

 अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय mppsc mains

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय - inter nation court of justice in Hindi


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय क्या है ? ICJ- INTERNATIONAL COURT OF JUSTICE ,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय कहा हैं ?,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या ,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों का कार्यकाल,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की भाषा,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय न्यायाधीश,


अंतर्राष्ट्रीयअपराधिक न्यायालय- internation criminal court ,


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय में अंतर

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय - inter nation court of justice in Hindi


अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना  

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना 3 अप्रैल 1946 में हुई थी,

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय 14 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना के प्रावधान किए गए हैं ,

तथा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की पूरी कार्यप्रणाली को 5 अध्याय तथा 70 अनुच्छेदों में विभक्त किया गया है

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय नीदरलैंड के हेग  में स्थित पीस पैलेस नामक भवन में स्थापित किया गया है,

 संयुक्त राष्ट्र के  कुल 6 अंगों में से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ही एकमात्र ऐसी संस्था है जिसका मुख्यालय  अमेरिका से बाहर अर्थात नीदरलैंड के एक शहर में स्थापित किया गया है


अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायालयों के न्यायाधीशों की संख्या 

NO.OF JUDGES IN inter nation court of justice


अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 15 रखी गई है,

 तथा इन 15 न्यायाधीशों की नियुक्ति 9 वर्षों के लिए होती है, अर्थात इनका कार्यकाल 9 वर्षों का निर्धारित किया गया है 

इनमें से प्रत्येक 3 वर्ष पश्चात 5 न्यायाधीश अवकाश ग्रहण करते हैं तथा उनके स्थान पर पांच नए  न्यायाधीशों को नियुक्त किया जाता है

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश दोबारा नियुक्ति के भी पात्र होते हैं 

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों को नियुक्त करने का कार्य महासभा के द्वारा किया जाता है ,तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों को नियुक्त करने की संस्तुति संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के द्वारा की जाती है

इन 15 न्यायाधीशों में से पांच न्यायाधीश सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य अर्थात -अमेरिका ,रूस ,ब्रिटेन, फ्रांस, और चीन से होते हैं

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में किसी भी देश के दो न्यायाधीशों को एक साथ नहीं चुना जा सकता है


,अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की भाषा 

इसकी भाषा , संयुक्त राष्ट्र की कार्यकारी भाषा ही होती है ,अर्थात अंग्रेजी और फ्रेंच को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कार्यकारी भाषा के रूप में स्वीकृत किया गया है

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय न्यायाधीश 


 अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय न्यायाधीश --अभी तक कुल 4 भारतीय न्यायाधीश को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नियुक्त किया गया है ,तथा उनमें से एक न्यायाधीश को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया है ,

इनके नाम निम्नलिखित है --

बेनेगल रामा राव -जिन्हें 1952 से 1953 के लिए नियुक्त किया गया था ,

 नागेंद्र सिंह - जो 1973 से 1988 तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर रहे

 तथा नागेंद्र सिंह ही ऐसे न्यायाधीश रहे जिन्होंने 1976 से 1979 तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उपाध्यक्ष तथा 1985 से 1988 तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला 

इसके बाद रघुनंदन पाठक जो कि 1990 से 1991 तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय मे पदस्थ रहे तथा

 वर्तमान में दलबीर भंडारी जो कि 2012 से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारतीय न्यायाधीश

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट -ICC 

 अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना महासभा की अनुशंसा पर 1 जुलाई 2002 को की गई थी , 

अंतरराष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय अर्थात इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का मुख्य उद्देश्य-

 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के गंभीर हनन को रोकना है,

 इस न्यायालय में 11 पुरुष एवं  7  महिलाएं सम्मिलित है,

 इस न्यायालय का मुख्यालय भी हेग (नीदरलैंड )में ही स्थापित किया गया है,

 अमेरिका इस न्यायालय की स्थापना से संबंधित संधि में हस्ताक्षरित नहीं है अर्थात अमेरिका अंतरराष्ट्रीय अपराधिक न्यायालय का सदस्य नहीं है

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में प्रमुख अंतर

DIFFERENCE BETWEEN INTERNATIONAL COURT OF JUSTICE AND INTERNATIONAL CRIMINAL COURT 

  1. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 15 निर्धारित है ,जबकि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 18  निर्धारित की गई है 
  2. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में महिला न्यायाधीशों से संबंधित विशेष प्रावधान नहीं है जबकि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में कुल 7 स्थान महिला न्यायाधीशों के लिए आरक्षित है,
  3. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रावधानों के अनुसार की गई है,जबकि  अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना महासभा की अनुशंसा पर की गई है,
  4. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विश्व के पांच महा शक्तियों जिनके पास वीटो पावर है उनके एक-एक सदस्य को अनिवार्य रूप से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नियुक्त किया जाता है जबकि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में विश्व की 5 महा शक्तियों के न्यायाधीशों के अनिवार्य नियुक्ति के प्रावधान नहीं है

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की अधिकारिता से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु /
Jurisdiction of ICJ- International Court of Justice

  1. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के पास व्यक्तियों गैर सरकारी संगठनों अथवा निजी इकाइयों के आवेदनों पर विचार करने की अधिकारिता नहीं है ,अर्थात यहकिसी व्यक्ति विशेष या किसी निजी संस्था विशेष के मामलों में न्याय निर्णयन का कार्य नहीं कर सकते हैं
  2. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के कोई भी न्यायाधीश को राजनीति किया प्रशासनिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं होती है
  3. न्यायाधीशों के निर्णय बहुमत के आधार पर होते हैं अध्यक्ष को निर्णायक मत देने का अधिकार प्राप्त है।
  4. अमेरिका ,रूस ,फ्रांस ,जर्मनी तथा इटली इसकी अनिवार्य अधिकारिता को नहीं स्वीकारते हैं।
  5. अंतरराष्ट्रीय स्वरूप के विवाद के विषयों पर विवाद ग्रस्त देशों द्वारा मामला उपस्थित किए जाने पर ही उसके संबंध में निर्णय देता है ,अर्थात अंतरराष्ट्रीय न्यायालय स्वत संज्ञान के आधार पर कार्य नहीं कर सकता है।

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