PPE kit (personal protective equipment kit ) पीपीई किट के बारे में वह सब कुछ जिसे आप जानना चाहते हैं ।

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आपने PPE Kit  का नाम जरूर सुना होगा इसकी  आवश्यकता ,डॉक्टरों के लिए इसकी  कमी ,और भारत में पीपीई कीट   के निर्माण में किए गए सरकारी प्रयासों को लेकर विभिन्न समाचार पत्रों में आपने अवश्य पड़ा होगा ।

 इस लेख में पीपीई किट PPE Kit के बारे में बड़ी ही आसान भाषा में पूरी जानकारी मिलेगी ।



WHAT IS PPE Kit पीपीइ किट क्या है, PPE Kit FULL FORM 

 PPE Kit  पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट Kit  कुल मिलाकर के आठ अलग-अलग  उपकरणों से मिलकर के बनती है, या यूं कहें कि कुल 8 प्रकार के उत्पादों को सम्मिलित रूप से PPE Kit  कहा जाता है इन 8 उत्पादों में  ,


  1.  N 95 MASK
  2. फेस शिल्ड
  3. नाइट्राइल ग्लव्स, यह विशेष प्रकार के हाथ में पहनने के दस्ताने होते हैं फ्री
  4. DUST MASK  साधारण सर्जिकल मास्क होता है। 
  5.  बॉडिसूट, इसको कवर ऑल भी कहते हैं,. 
  6.   डिस्पोजल बैग
  7.  हैंड सेनीटाइजर ,..।
  8.  SHOES COVER

इस प्रकार कुल 8 भागों से मिलकर के इसका निर्माण होता है!
 इनमें से हैंड सैनिटाइजर का उपयोग आप सभी जानते हैं, कि जब भी संक्रमित वस्तु   को छूने के पश्चात हमें हाथों की सफाई कैसे की जाती है ,,PPE Kit  को एक बार इस्तेमाल करने के बाद वह दोबारा इस्तेमाल नहीं की जाती है क्योंकि वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ चुकी होती है। या यूं कहें कि जब  भी इसे पहना हुआ  व्यक्ति ,संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसे उस किट का दोबारा इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी जाती है ।


भारत में पीपीई कीट का निर्माण , PPE Kit PRODUCTION ON INDIA  


 Covid 19, संक्रमण के शुरुआती दौर अर्थात फरवरी 2020 के प्रारंभिक दिनों तक भारत में  इसका  निर्माण नहीं होता था, जैसा कि हम जान चुके हैं कि यह किट   कुल 8 हिस्सों  या 8 उपकरणों से मिलकर बनती है ,!हालांकि इनमें से कुछ उपकरण जैसे कि हैंड सैनिटाइजर ,मास्क ,नाइट्राइल ग्लव्स इन का उपयोग  पहले भी भारत में होता रहा है ।
भारत में इनका उपयोग भी होता था और उत्पादन भी होता था।
 परंतु पूरी PPE Kit का निर्माण भारत में नहीं होता था ।इसी कारण कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे डॉक्टर्स, नर्सेज और मेडिकल स्टाफ को इस कीट की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस हुई ,और भारत को इस किट  को मंगवाने के लिए दूसरे देशों पर आश्रित होना पड़ा ,लेकिन बहुत ही कम समय में मात्र डेढ़ महीने में ही भारत सरकार ने इसके   उत्पादन के लिए आवश्यक कदम उठाएं और कुछ ही समय में भारत  PPE Kitउत्पादन में आत्मनिर्भरता की स्थिति में पहुंच गया। वर्तमान समय में करीब दो लाख  किट का निर्माण प्रतिदिन होता है।

 PPE Kitका निर्माण कैसे होता है ?

इसका  निर्माण भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त मैन्युफैक्चरिंग यूनिट या मैन्युफैक्चर इंडस्ट्री के द्वारा किया जाता है मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री कच्चे माल की सहायता सेPPE Kit का निर्माण करती है लेकिन इन कंपनियों के द्वारा निर्मित  Kit  को सीधे ही मेडिकल स्टाफ को उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। इस PPE Kit की सुरक्षा के बारे में क्वालिटी चेक के बारे में परीक्षण किया जाता है ।
भारत में किट की सुरक्षा परीक्षण क्वालिटी चेक  डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला जिसे इंस्टीट्यूट आफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अप्लाइड साइंसेज कहते हैं। इस लैब के द्वारा PPE Kit की क्वालिटी टेस्ट या गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है।
 अभी इन परीक्षण में करीब 6 से 7 सप्ताह का समय लग रहा है आने वाले दिनों में किट के परीक्षण में लगने वाले समय में कमी आएगी ,और निर्माण में और ज्यादा तेजी संभव होगी।।



इसका  प्रयोग डॉक्टर्स नर्सेज मेडिकल स्टाफ के अलावा सामान्य जनता को भी कुछ परिस्थितियों में करना चाहिए ,जैसे कि अगर किसी अति आवश्यक कार्य से हमें संक्रमित एरिया जिसे कंटेंटमेंट एरिया रेड जोन के अंदर जाना पड़े हालांकि प्रयास यही करना चाहिए कि  रेड जोन में हम ना जाए ।लेकिन किसी अप्रत्याशित स्थितियों से अति महत्वपूर्ण कार्य से जाना पड़े तो हमें उन क्षेत्रों में प्रवेश करने से पूर्व PPE Kit अवश्य पहनना चाहिए ।
डॉक्टर्स मेडिकल स्टाफ नर्सेज के लिए अनिवार्य है ही लेकिन हमें भी इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।
यहां पर हमें इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जब भी हम भीड़भाड़ वाले हिस्से में जाते हैं या घर से बाहर जाते हैं तो हमें थ्री लेयर मास्क जिसको  फ्लाई मास्क बोलते हैं ,हैंड सेनीटाइजर और नाइट्राइल ग्लव्स को तो पहन कर के ही घर से बाहर निकलना चाहिए और जैसे  ही हम बाहर से अपने घरों में प्रवेश करते हैं ,तो हमें सबसे पहले हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए,!
PPE Kit के करीब आधे भाग तो आम जनता के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी है।

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