MPPSC के बारे में सामान्य जानकारी
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315(1) के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी.) के साथ-साथ प्रत्येक राज्य में राज्य आधारित सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, न्यायिक एवं अन्य अधीनस्थ सेवाओं के आयोजन के लिये ‘राज्य लोक सेवा आयोग’ की स्थापना का प्रावधान किया गया है। यह आयोग इन सेवाओं से संबद्ध परीक्षाओं का आयोजन कराता है।
· MPPSC परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थी मध्य प्रदेश राज्य के प्रशासन के अंग होते हैं जिनकी नियुक्ति मध्य प्रदेश राज्य में ज़िला, प्रखंड व तहसील स्तर पर की जाती है।
· स्थायित्व, सम्मान एवं कार्य करने की व्यापक एवं अनुकूल दशाओं इत्यादि का बेहतर मंच उपलब्ध कराने के कारण ये परीक्षाएँ अभ्यर्थियों एवं समाज के बीच सदैव प्राथमिकता एवं गौरव की विषयवस्तु रही हैं।
MPPSC परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु अर्हताएं
· MPPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में सामान्यत: किसी भी राज्य के अभ्यर्थी, जो आयोग द्वारा निर्धारित शर्तों (आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता इत्यादि) को पूरा करते हों, सम्मिलित हो सकते हैं।
· MPPSC की परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये आवेदक की न्यूनतम आयु 21 वर्ष (किन्हीं विशिष्ट पद हेतु 18 वर्ष) तथा अधिकतम आयु (कुछ विशेष आरक्षित प्रावधानों को छोड़कर) सामान्यत: 35-40 वर्ष निर्धारित की गई है।
· MPPSC की परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिये आवेदक को भारत में केन्द्रीय या राज्य विधानमंडल द्वारा अधिकृत किसी विश्वविद्यालय या संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित या घोषित शिक्षण संस्थान जिसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम,1956 की धारा-3 के अंतर्गत या आयोग के परामर्श से एक विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई हो, से डिग्री धारक होना चाहिये।
· MPPSC द्वारा परीक्षा में कुछ विशेष पदों (पुलिस उपाधीक्षक, अधीक्षक कारागार इत्यादि) के लिये शारीरिक मापदंड (सामान्यत: 165-167 सेमी.की लम्बाई इत्यादि ) तथा कुछ विशेष पदों (सांख्यिकीय अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, लेखाधिकारी इत्यादि) के लिये विशेष शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण किया गया है।
· सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षण कोटे का निर्धारण जहाँ केद्र सरकार द्वारा किया जाता है, वहीं ‘MPPSC’ की परीक्षाओं में आरक्षण कोटे का निर्धारण मध्य प्रदेश राज्य द्वारा अपने तरीके से किया जाता है।
MPPSC परीक्षा की तैयारी कैसे करें ?
· MPPSC परीक्षा में तीन स्तर (प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार) होते हैं। ,
MPPSC प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं, जिनमें प्रथम प्रश्न पत्र सामान्य ज्ञान ,एवं द्वितीय प्रश्नपत्र के रूप में सीसैट (सिविल सर्विसेज़ एप्टिट्यूड टेस्ट) का प्रश्नपत्र होता है।
· MPPSC की प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने की पहली शर्त है- तथ्यों पर मज़बूत पकड़, जबकि MPPSC मुख्य परीक्षा में तथ्यों के साथ-साथ विश्लेषणात्मक क्षमता की भी आवश्यकता होती है। अत: अभ्यर्थियों को एक संतुलित रणनीति के साथ तैयारी करने की आवश्यकता है।
· देखा जाए तो MPPSC ने अपने प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम को UPSC के अनुरूप बनाने का प्रयास किया है, किंतु इन दोनों परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रकृति एवं आयोगों द्वारा अपेक्षित उत्तर में अंतर होने के कारण इनकी गंभीर समझ होनी अनिवार्य है।
MPPSC परीक्षा हेतु उपयुक्त रणनीति
· किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये उसकी प्रकृति एवं प्रक्रिया के अनुरूप उचित एवं गतिशील रणनीति बनाने की आवश्यकता होती है, जबकि MPPSC परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अधिकांश अभ्यर्थी इन परीक्षाओं की रणनीति को या तो समझ नहीं पाते हैं या फिर इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। फलस्वरूप परीक्षा में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।
- MPPSC की परीक्षाओं के नवीनतम पैटर्न को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी करनी चाहिए !
- मध्य प्रदेश के सामान्य ज्ञान से सम्बंधित पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान सेना चाहिए !
- मध्य प्रदेश के करंट अफेयर पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए !
- मॉक-टेस्ट शृंखला में भाग लें और हर प्रश्नपत्र में परीक्षण करें कि किस वर्ग के प्रश्न कितने समय में हो पाते हैं।
- ज़्यादा समय लेने वाले प्रश्नों को पहले ही पहचान लेंगे तो परीक्षा में समय बर्बाद नहीं होगा।
- बार-बार अभ्यास करने से गति बढ़ाई जा सकती है।
- ज्यादा से ज्यादा किताबो को पड़ने से अच्छा है की कुछ महत्व पूर्ण किताबो को ही बार बार रीवाइस करे!
- मध्य प्रदेश की जनगणना एवं जन जातियों से सम्बंधित तथ्यों को अच्छी पड़ना चाहिए !
- यदि आपकी मध्य प्रदेश राज्य विशेष के सन्दर्भ में पकड़ अच्छी है तो आपको इससे सम्बंधित पूछे जाने वाले 20-25 प्रश्नों को पहले हल कर लेना चाहिये क्योंकि उनमें समय कम लगेगा और उत्तर ठीक होने की संभावना भी ज़्यादा होगी। ये 20-25 प्रश्न हल करने के बाद आपकी स्थिति काफी मजबूत हो चुकी होगी। इसके बाद, आप तेज़ी से वे प्रश्न करते चलें जिनमें आप सहज हैं और उन्हें छोड़ते चलें जो आपकी समझ से परे हैं। जिन प्रश्नों के संबंध में आपको लगता है कि वे पर्याप्त समय मिलने पर हल किये जा सकते हैं, उन्हें कोई निशान लगाकर छोड़ते चलें।
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