what is Immunity Passport in hindi
इम्यूनिटी पासपोर्ट क्या होता है ?
इस लेख में ,IMMUNITY PASSPORT/ RISK FREE CERTIFICATE ,IMMUNITY PASSPORT/ RISK FREE CERTIFICATE की VALIDITY ,इम्यूनिटी पासपोर्ट पर WHO का मत ,पासपोर्ट की महत्वता एवं इम्यूनिटी पासपोर्ट से जुड़े नैतिक पहलुओं का आसान भाषा में वर्णन किया गया है!
यह एक प्रकार का हेल्थ सर्टिफिकेट होता है जिसमें यह घोषणा होती है की संबंधित व्यक्ति उस बीमारी से संक्रमित हो चुका है एवं उसमें एंटीबॉडी का विकास हो गया है तथा अब वह इस बीमारी से या उस विशेष संक्रमण से मुक्त है ,एवं भविष्य में भी उस संक्रमण से मुक्त रहेगा।
इसका महत्व
IMMUNITY PASSPORT/ RISK FREE CERTIFICATE के होने से व्यक्ति को विभिन्न सरकारी पाबंदियां से कुछ रियायत मिल जाती है ,जिससे कि उसका एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना और अपने कार्यों को संपादित करना आसान हो जाता है ,इसी कारण से एयरपोर्ट पर इम्यूनिटी पासपोर्ट की आवश्यकता पर चर्चा हो रही है।Aarogya setu app के बारे में जरुरी जानकारी
इसपर WHO वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का क्या मत है??
डब्ल्यूएचओ ने इसे अपनी सहमति नहीं दी है ।इसके पीछे निम्न कारण है ।पहला ,संक्रमित व्यक्तियों का रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट rapid antibody test पूर्णता विश्वसनीय या पूरी तरीके से एक्यूरेट नहीं है, अभी बाजार में उपलब्ध rapid antibody test किट के नतीजे सटीक नहीं है ,यह rapid antibody test कुछ वैसी ही होती है जैसी diabetes test कीट होती है, परंतु डायबिटीज टेस्ट किट की टेस्ट एक्यूरेसी 100% या कम से कम 99% होती है, वही बाजार में उपलब्धrapid antibody test किट की एक्यूरेसी 65% भी नहीं है, ऐस समय इसे जारी करना एक बहुत बड़ी समस्या बन जाएगा ,क्योंकि यह भी निश्चित नहीं हो पा रहा है कि संक्रमित व्यक्ति में एंटीबॉडी उपस्थित है भी या नहीं और अगर गलत नतीजों के आधार पर इम्यूनिटी सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे तो इसके चलते कोविड 19 का संक्रमण अत्यधिक मात्रा में बढ़ जाएगा।
दूसरा मुद्दा या दूसरी शंका इसकी वैलिडिटी को लेकर के हैं ,अभी तक ऐसी कोई भी रिसर्च नहीं हुई है जिससे कि यह पता लगाया जा सके कि कोरोना वायरस के प्रति एंटीबॉडी कितने दिनों तक शरीर में सक्रिय रहती है, हो सकता है कि वह व्यक्ति वर्तमान में एंटीबॉडी शरीर में उपस्थित होने के कारण संक्रमण मुक्त है ,लेकिन भविष्य में वायरस के नए स्क्रेन के बदलने के कारण वह व्यक्ति भी फिर से संक्रमित हो सकता है।
इससे जुड़ा एक और चिंता का पहलू यह भी है की CERTIFICATE धारक व्यक्ति एक देश से दूसरे देश की यात्रा करता है तो वह अपने साथ वायरस को भी transmit करने का माध्यम बन सकता है। इससे उन व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है जिन में एंटीबॉडी का विकास नहीं हुआ है।
इसके नैतिक पहलू !
जनता में इसको को लेकर चिंता बढ़ेगी जिस व्यक्ति के पास यह उपलब्ध होगा वह व्यक्ति अपना कारोबार या अपनी नौकरी पर जाने के लिए स्वतंत्र होगा परंतु वही जिन व्यक्तियों के पास नहीं होगा वह व्यक्ति अपने काम पर नहीं जा पाएंगे ,जिसके चलते उनकी नौकरी छीनने का भी डर बना रहेगा ऐसी स्थिति में संक्रमित व्यक्ति की समस्याएं दुगनी बढ़ सकती है एक तो वह पहले से संक्रमित हैं और दूसरा उसे अपना कारोबार या नौकरी छीनने का भी डर सताने लगेगा। दूसरा यह CERTIFICATE रोजगार प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन जाएंगे जैसे वर्तमान में रोजगार प्राप्ति या सरकारी नौकरी के लिए स्नातक या अन्य उपाधियों का होना महत्वपूर्ण है उसी प्रकार इम्यूनिटी पासपोर्ट का होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाएगा साथ ही साथ समाज में इस प्रमाण पत्र धारक व्यक्तियों एवं इससे व्यक्तियों की दो श्रेणियां बनने लगेंगी जिससे सामाजिक एकता और सामाजिक संरचना भी बिगड़ने लगेगी साथ ही साथ व्यक्ति इसको प्राप्त करने के लिए खुद संक्रमित होने का प्रयास करने लगेगा क्योंकि वह सोचेगा कि संक्रमण होने से उसके शरीर में भी एंटीबॉडी का विकास हो जाएगा और फिर उसे भी इम्यूनिटी पासपोर्ट मिल जाएगा तथा वह भी अपने काम पर जा सकेगा अर्थात संक्रमण से बचने की बजाय व्यक्ति खुद संक्रमित होने के प्रयास करने लगेंगे यह एक बहुत गंभीर समस्या बन जौएगा!!
अगर आप भी इस बारे में कुछ सुझाव देना चाहते है तो निचे कमेंट अपने सुझाव दे सकते है,
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